जन्म से पहले शिशु के लिंग की जाँच,सोनोग्राफी सेंटर में सीलबंदी की कार्रवाई…संचालक को कारण बताओ नोटिस भी जारी

रायपुर : 15 दिसंबर 2021 रिकॉर्ड संधारण में अनियमितता पाए जाने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा महासमुंद जिले के तुमगांव के साईं नमन नर्सिंग होम के सोनोग्राफी सेंटर को सीलबंद करने की कार्रवाई की गई है। साथ ही सेंटर के संचालक को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। पीसीपीएनडीटी अधिनियम (PCPNDT – पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम) के तहत गठित स्वास्थ्य विभाग की राज्य एवं जिला स्तरीय टीम के द्वारा सोनोग्राफी सेंटर में रिकॉर्ड संधारण में अनियमितता पाए जाने के कारण यह सीलबंद की कार्रवाई की गई। पीसीपीएनडीटी अधिनियम के तहत गठित राज्य स्तरीय निरीक्षण दल के डॉ. अनिल परसाई, राज्य सलाहकार सुश्री वर्षा राजपूत और जिला स्तरीय निरीक्षण दल के डॉ. छत्रपाल चन्द्राकर की टीम द्वारा यह कार्रवाई की गई है। पीसीपीएनडीटी अधिनियम के तहत सोनोग्राफी सेंटर्स में पिछले दो साल का रिकार्ड संधारित किया जाना आवश्यक है।

क्या है पीसीपीएनडीटी एक्ट ?

पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (PCPNDT) अधिनियम, 1994 भारत में कन्या भ्रूण हत्या और गिरते लिंगानुपात को रोकने के लिए भारत की संसद द्वारा पारित एक संघीय कानून है। इस अधिनियम के तहत प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण प्रतिबंधित है।

प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्निक ‘पीएनडीटी’ एक्ट 1996, के तहत जन्म से पूर्व शिशु के लिंग की जांच पर पाबंदी है। इसके उल्लंघन पर अल्ट्रासाउंड या अल्ट्रासोनोग्राफी कराने वाले या करने वाले डाक्टर, लैब कर्मी को तीन से पांच साल की सजा और दस से 50 हजार रूपए जुर्माने का प्रावधान है।

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