CG राज्य वीरता पुरस्कार : अमन, शौर्य का हुआ चयन…गणतंत्र दिवस के दिन राज्यपाल करेंगी सम्मान…बच्चों ने ऐसे बचाई थी दुसरों की जान

CG राज्य वीरता पुरस्कार : अमन, शौर्य का हुआ चयन…गणतंत्र दिवस के दिन राज्यपाल करेंगी सम्मान…बच्चों ने ऐसे बचाई थी दुसरों की जान cgdarpan.com

रायपुर : छत्तीसगढ़ में प्रति वर्ष राज्य वीरता पुरस्कार बहादुर बच्चों को दिया जाता है। राज्य वीरता पुरस्कार चयन के लिए अधिकृत नोडल एजेंसी छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद ने इस वर्ष के वीरता पुरस्कारों की घोषणा कर दी है। इन पुरस्कारों के लिए छत्तीसगढ़ शासन की मंत्री श्रीमती अनिला भेडिय़ा जी की अध्यक्षता में ज्यूरी समिति की बैठक 12 जनवरी को मंत्रीजी के राजातालाब स्थित निवास कार्यालय में दोपहर 1 बजे हुई। ज्यूरी समिति की अनुशंसा पर प्रदेश के 2 बहादुर बच्चों, जिनमें धमतरी से शौर्य प्रताप चंद्राकर और कोरबा से अमन ज्योति जाहिरे का चयन किया गया है। जिन्हें राजधानी रायपुर में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह में महामहिम राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उईके जी सम्मानित करेंगी। इन बच्चों ने साहस का परिचय देते हुए अपनी जान की परवाह किये बगैर अपनी सूझबूझ से दूसरों की जान बचाई है। बच्चों को पुरस्कार में 15-15 हजार रूपए की नगद राशि (चेक द्वारा) प्रशस्ति पत्र और चांदी का मेडल प्रदान किया जाएगा।

ज्यूरी समिति इस प्रकार है –
महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री श्रीमती अनिला भेडिय़ा (अध्यक्ष)
छ.ग. राज्य बाल कल्याण परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष बृजमोहन अग्रवाल (उपाध्यक्ष)
सचिव गृहविभाग
पुलिस महानिदेशक (इन्टलीजेन्स) (सदस्य)
संचालक, महिला एवं बाल विकास विभाग (सदस्य)
ब्रिगेडियर, एन.सी.सी., स्टेट सेल रायपुर (सदस्य)
कलेक्टर, जिला रायपुर (सदस्य)
चन्द्रेश शाह, उपाध्यक्ष छ.ग.राज्य बाल कल्याण परिषद (सदस्य)
डॉ. अशोक त्रिपाठी, महासचिव, छ.ग.राज्य बाल कल्याण परिषद (सदस्य सचिव)
इंदिरा जैन, संयुक्त सचिव, छ.ग.राज्य बाल कल्याण परिषद एवं संयोजक राज्य वीरता पुरस्कार (सदस्य)
राजेन्द्र निगम, कार्यकारिणी सदस्य, छ.ग.राज्य बाल कल्याण परिषद एवं सहसंयोजक राज्य वीरता पुरस्कार (सदस्य) दोनो बच्चों का साइटेशन इस प्रकार है।

(1) अमन ज्योति जाहिरे : घटना दिनांक 01 अगस्त 2021 फ्रेंडसिप डे, रविवार 15 ब्लॉक, पंप हाउस, कोरबा के कुछ छात्र दोपहर लगभग 02 बजे अपने एक मित्र साहिल पैगवार का जन्मदिन मनाने के लिए 20 किलोमीटर दूर पिकनिक स्पॉट परसाखेला बांध के झरना के पास पिकनिक मनाने गए। इनमें से कक्षा 12 वीं में अध्ययनरत एक छात्र आशीष ठाकुर, जलप्रपात के पहले, किनारे में अपना हाथ-पैर धोने के लिए गया। वहां चट्टान में पैर फिसल कर गिरने के कारण वह पानी के तेज धार में बहने लगा। आगे गहरी खाई होने के कारण उसमें गिरने का खतरा था। खतरनाक फिसलन चट्टान और पानी की तेज धार में आशीष को बहते देख सभी मित्र घबरा गए क्योंकि उन्हें तैरना नहीं आता था और वे बचाओ-बचाओ चिल्लाने लगे। तभी 15 वर्षीय छात्र अमन ज्योति अपने मित्र आशीष की जान बचाने पानी के तेज बहाव में कूद गया।

अमन को भी तैरना नहीं आता था, किन्तु वह यह सोचकर कि मित्र को किसी भी तरह बचाने की कोशिश कर लेगा, पानी में कूद गया। पानी में चट्टानों के सहारे बहते हुए अमन अपने मित्र आशीष को पकड़ लिया। इस बीच एक अन्य मित्र दीपाशु के भी पहुंच जाने से वे दोनों आशीष को किनारे पर ले आए। पानी के तेज बहाव में बहने के कारण आशीष बेहोश हो चुका था। किनारे पर लाकर वे आशीष के पेट में भरे पानी को बाहर निकाले। अमन की सूझबूझ एवं साहस से उसके मित्र आशीष की जान बच गई। अमन का यह साहसिक कार्य प्रशंसनीय है। पानी के तेज बहाव और चट्टानों में टकराने के कारण अमन के हाथ की हड्डी खिसक गई, हाथ, पैर, गले और छाती में गहरे चोट लगे। सभी मित्र आशीष और अमन को लेकर जिला चिकित्सालय में पहुंचे। यहां उपचार के बाद सभी घर गए।

(2) शौर्य प्रताप चंद्राकर – घटना दिनांक 13 जून 2021 प्रात: लगभग 11.00 ग्राम सेनचुवा, पोस्ट- छाती, जिला- धमतरी निवासी भूषण चंद्राकर, महेन्द्र तारक, परसराम साहू, योगेश्वर साहू, डोमन पटेल, विजय सभी लोग खेत में साफ-सफाई व आवश्यक कार्य कर रहे थे। इसी समय खेत में से गुजरने वाली बिजली की तार खेत में स्थित बबूल के वृक्ष से टकराया और आग लग गई, जिससे वृक्ष की डाली जलने लगी। वहीं बालक शौर्य प्रताप चंद्राकर अपने पिताजी भूषण चंद्राकर के साथ खेत देखने गया था। शौर्य ने आग जलते देखकर सभी को खेत से निकलने के लिये जोर-जोर से चिल्लाया और शीघ्र ही लाईन मेन सुरेन्द्र ध्रुव को बिजली ऑफिस छाती में फोन पर विद्युत पावर को बंद करने की सूचना दी। विद्युत पावर के बंद होने से एक बहुत बड़ा हादसा टल गया।
खेत में पानी भरा था पानी के कारण विद्युत करंट फैल सकता था, बालक शौर्य प्रताप चंद्राकर की सूझबूझ और दूरदर्शिता से वहां उपस्थित सभी लोगों की जान बच गई। स्थानीय लोगों ने शौर्य के इस साहसिक कार्य की प्रशंसा की।

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