नारायणपुर जिले में शामिल करने की मांगों को लेकर ग्राम बंडापाल में समीक्षा बैठक आयोजित, मांगे पूरी नही हुई तो करेंगे दिल्ली के लिए पैदल मार्च…आगामी चुनाव का भी करेंगे बहिष्कार

संतनाथ उसेण्डी,नारायणपुर– कांकेर जिले के 14 ग्राम पंचायत को नारायणपुर जिले में शामिल करने की मांगों को लेकर एक फिर ग्रामीण आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। राज्य सरकार पर ग्रामीणों ने आरोप लगाए और कहा कि विभिन्न प्रकार से मांग करने के बावजूद भी राज्य सरकार हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दे रहा जिस पर आगामी दिनों में पैदल दिल्ली के लिए रवाना होंगे इसके अलावा आगामी दिनों में होने वाले चुनाव का बहिष्कार और रावघाट माइंस कार्य को भी बंद कराया जाएगा। मांगे पूरी नही होते तक आंदोलन जारी रहेगा आज बड़ापाल में हुए समीक्षा बैठक के दौरान ग्रामीणों ने यह फैसला लिया।

नारायणपुर जिले में शामिल करने की मांग को लेकर 45 दिन से ग्रामीण धरने पर बैठने के बाद ग्रामीणों की मांग अनसुनी किए जाने के बाद 58 गांव के 3 हजार से अधिक ग्रामीण पैदल ही बीते दिनों राजधानी रायपुर पहुंचे और राज्यपाल अनुसुइया उइके को अपनी मांगों को अवगत कराए थे। जिसके पश्चात ग्रामीणों को आश्वस्त करते हुए मांगे जल्द पूरी होने की बात कही गई थी और आंदोलन समाप्त किया गया था।

बता दें कि कांकेर जिले के 58 गांव के लोग वर्ष 2007 में नारायणपुर जिले के गठन के बाद से जिले में शामिल करने के लिए विभिन्न प्रकार से अपनी मांग शासन तक पहुंचाने में लगे हुए है। इन पंचायतों में निवासरत ग्रामीणों को शासकिय कार्य के लिए 150 किमी का सफर तय कर कांकेर जिला मुख्यालय जाना पड़ता है, जबकि इन गांवों से नारायणपुर जिला मुख्यालय की दूरी मात्र 20 किमी है।यही नहीं कांकेर जिला के 14 ग्राम पंचायत में निवासरत ग्रामीणों का रहन-सहन रिश्तेदारी,बाजार, शिक्षा,स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाए नारायणपुर जिला मुख्यालय से पूरी होती है वहीं नारायणपुर जिला चिकित्सालय सहित रामकृष्ण आरोग्य धाम से इन ग्राम पचांयत के ग्रामीणों को चिकित्सा सुविधाए उपलब्ध होती है। इसके अलावा छात्र नारायणपुर के स्वामी आत्मानंद महाविद्यालय से उच्च शिक्षा ग्रहण करते हैं. इस तरह से इन 14 ग्राम पंचायतों में लोगों को नारायणपुर जिले से जन सुविधाएं प्राप्त हो रही है।

आज नारायणपुर जिले में शामिल होने की मांगों को लेकर ग्राम बंडापाल में दर्जनों गांवो के लोगों ने समीक्षा बैठक आयोजित की। बैठक में ग्रामीणों ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा जनवरी 2022 तक मांगे पूरी होने आश्वासन दिया गया था। परंतु कई माह बीतने के बाद भी अब तक नारायणपुर जिले में शामिल होने संबंधित कोई भी प्रतिक्रिया छत्तीसगढ़ शासन की ओर से हमे नहीं मिल रहा है। जिस पर ग्रामीण आक्रोशित होकर आज समीक्षा बैठक आयोजित कर आगामी दिनों के लिए रणनीति तैयार किये है।

ग्रामीण शिवशंकर कावड़े ने बताया कि मांगे पूरी नही होने पर आगामी दिनों में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। दूसरा रावघाट का माइनिंग का कार्य जो प्रारंभ हैं उसे बंद करने ग्रामीण मजबूर होंगे।
तीसरा फैसला बताया कि आगामी 2023 में जो भी चुनाव होंगे सभी चुनाव का ग्रामीण विरोध प्रदर्शन कर बहिष्कार करेंगे और अंतिम निर्णय मांगे पूरी नही होगी तो आगामी दिनों में पैदल दिल्ली के लिए मार्च करेंगे। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होती हम अपना विभिन्न प्रकार से मांगो को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी रहेंगे।

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