बालोद/ गुरुर : हाल ही में जारी CGPSC के रिज़ल्ट ने प्रदेश की सियासत को गर्म कर दिया। मामले को लेकर पक्ष-विपक्ष में वार-पलटवार का सिलसिला का जारी हैं। भाजपा की लोकप्रिय नेत्री संध्या अजेंद्र साहू ने कि CGPSC की रिजल्ट को रद्द कर मामले की उच्चस्तरीय जांच करने की मांग की है। श्रीमती साहू ने CGPSC रिजल्ट में सेटिंग का आरोप लगाया हैं। इसके साथ ही CG-PSC के चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी पर अपने बेटे समेत परिवार के कई सदस्यों का बड़े पदों पर चयन कराने का आरोप श्रीमती साहू ने लगाया है। उन्होंने कहा कि CGPSC-2021 के घोटाले में CBI से जांच होनी चाहिए और छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के चेयरमैन और परीक्षा कंट्रोलर का नार्को टेस्ट भी कराया जाना चाहिए। उन्होने कहा कि यह प्रदेश के युवाओं के साथ बहुत बड़ा विश्वातघात हैं। कई गरीब व मध्यमवर्गी परिवार के छात्र-छात्राएं अपने जमीन जायदाद बेचकर भी दूर दराज इसकी तैयारी करने आते हैं। लेकिन इस घोटाले ने सबके उम्मीदों पर पानी फेर दी। यह लाखों युवाओं के साथ छल हैं। इस छल का जवाब युवा जरूर देगी। कांग्रेस नेता व पीएससी के बड़े अधिकारी के परिवार वालों के नाम टॉप-10 लिस्ट में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि 7वीं रैंक पर नितेश नाम के एक अभ्यर्थी का डिप्टी कलेक्टर के पद पर सिलेक्शन किया गया है, जबकि अंतिम सूची में उनका सरनेम छिपाकर सिर्फ नाम लिखा गया है। मैं पूछना चाहती हूं कि सरनेम को क्यों छिपाया गया। जनता जानती हैं कि इसके पीछे वजह ये है कि नितेश CG-PSC चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के बेटे हैं। इसी तरह सरनेम छिपाकर डीएसपी पद पर साहिल का नाम भी शामिल है। वे भी चेयरमैन सोनवानी के भतीजे हैं, वहीं श्रम अधिकारी पद पर सुनीता जोशी का चयन हुआ है जो उनकी रिश्तेदार हैं। श्रीमती साहू ने कहा कि परीक्षा समिति के सदस्यों के रिश्तेदार एग्जाम नहीं दें सकते, तो फिर चेयरमैन रहते उनके बेटे-भतीजे ने कैसे परीक्षा दी। कुल मिलाकर कांग्रेस ने परिवारवाद को CGPSC में भी लागू कर दिया।