Neeraj Chopra Biography : 11 साल के उम्र में शुरू किया था भाला फेंकना…पिता हैं किसान..देखिए वो मेहनत जिसने नीरज को बनाया चैंपियन

नई दिल्ली – कहते हैं जब कोई लक्ष्य निर्धारित कर उस पर जब निरंतर मेहनत की जाती हैं तो सफ़लता जरूर मिलती हैं। इस बात की वास्तविकता नीरज चोपड़ा की जीवन कहानी से और भी स्पष्ट हो जाती हैं ।

नीरज चोपड़ा की कामयाबी कई मायनों में खास है। अगर उनके सफर को देखें तो उनके इरादे शुरू से ही साफ थे कि उन्हें क्या करना है। 2021 में उन्होंने जो कामयाबी हासिल की उसने पूरे देशवासियों का दिल जीत लिया।

नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर 1997 को हरियाणा के खंडरा में हुआ था । नीरज चोपड़ा के पिता पेशे से किसान और मां गृहिणी हैं । नीरज चोपड़ा कुल पांच भाई बहन हैं। शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो उन्होंने स्नातक तक पढ़ाई की हैं। खासतौर से उन्होंने जैवलिथ थ्रो यानी भाला फेंक को अपना लक्ष्य बनाया और अनवरत उसके लिए मेहनत करते रहे। फलस्वरूप नीरज को इतने कम उम्र में कई सफलताएँ मिली।

गोल्ड मेडल लेकर रचा इतिहास….

सात अगस्त 2021 को 23 साल के इस खिलाड़ी ने खेलों के महाकुंभ टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रच दिया। जैवलिन थ्रो यानी भाला फेंक में सर्वाधिक दूरी तय करके गोल्ड मेडल पर कब्जा जमा लिया। उनकी इस कामयाबी पर ना सिर्फ खेल जगत बल्कि पूरे देशवासियों आनंदित कर दिया।

11 साल की उम्र में शुरु कर चुके थे भाला फेंकना….

लोग बताते हैं कि नीरज चोपड़ा ने महज 11 साल की उम्र में भाला फेंकना शुरू कर दिया था। खासतौर से साल 2014 में करीब सात हजार की कीमत में एक भाला खरीदा था। अपने सफर को जारी रखते हुए उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने के लिए 10 हजार रुपये में भाला खरीदा।

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नीरज चोपड़ा की कामयाबी…..

नीरज ने 2016 के साउथ एशियन गेम्स में गोल्ड जीता
2016 में एशियन जूनियर चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता।
2016 में IAAAF चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता।
उन्हें सेना में अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया गया।
इसके बाद 2017 एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड.
2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता।
नीरज को 2018 में अर्जुन अवॉर्ड से नवाजा गया।
दोहा डायमंड लीग में गोल्ड मेडल जीता।

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