जावेद खान , कांकेर/रायपुर : सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश अध्यक्ष सोहन पोटाई का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के 30 आदिवासी विधायक अगर चाहते तो छत्तीसगढ़ में पंजाब की तरह मुख्यमंत्री बदल देते लेकिन इनमें हिम्मत नहीं है जिसके कारण 30 विधायक होने के बावजूद हमें सड़क की लड़ाई लड़नी पड़ रही है। इससे बड़ी दुर्भाग्य की बात क्या हो सकती है, ये विधायक अपनी टिकट बचाने में लगी है लेकिन हमारी जनता आने वाले चुनाव में टिकट क्या इन्हें वोट भी नही देगी।
सर्व आदिवासी समाज के द्वारा अपनी 22 सूत्री मांगों को लेकर किया महाबंद …ट्रकों व को बैरियर बना कर सड़क किया बंद …लोगों का आना-जाना हुआ मुश्किल
दरअसल आज छत्तीसगढ़ के कई जिलों में सर्व आदिवासी समाज ने अपने 12 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन व चक्का जाम कर रही है। कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर, अंतागढ़, दुर्गुकोंडल ,कोरर कच्चे संबलपुर सहित क्षेत्र की सभी बड़ी बस्तियां पूरी तरह से बंद है जिला मुख्यालय कांकेर के भी पूर्णता बंद होने की खबरें आ रही हैं भानुप्रतापपुर के मुख्य चौक के अलावा सभी चौक चौराहों में सर्व आदिवासी समाज के द्वारा ट्रकों मोटरसाइकिलों व अन्य वाहनों को लगाकर बैरियर बना दिया गया है और यहां से किसी को आने जाने नहीं दिया जा रहा है केवल एंबुलेंस सहित अन्य आवश्यक कार्यों के लिए जाने की अनुमति दी जा रही है ।
इसके पूर्व अपनी संवैधानिक अधिकारों को लेकर सर्व आदिवासी समाज के द्वारा लगातार प्रदर्शन किया जा रहा है विगत दिनों इसके लिए समाज के लोगों ने आर्थिक नाकेबंदी भी की थी इस बीच शासन द्वारा बातचीत के संकेत मिलने के बाद आर्थिक नाकेबंदी को कुछ अर्से के लिए रद्द कर दिया गया था । सर्व आदिवासी समाज के द्वारा की जा रही मांगों में प्रमुख रूप से सवैधानिक अधिकार हेतु पांचवी अनुसूचि लागू करना, पेसा कानून लागू करना, बस्तर के सिलगेर कांड की निष्पक्ष जांच, आदिवासियों की जमीन भू राजस्वधारा 170ख के तहत जमीन हस्तांतरण बन्द करना, बस्तर में आदिवासी को फर्जी नक्सली बताकर एनकाउंटर बंद करना आदि मांगे शामिल है।