उमेश सिन्हा,बालोद : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के पिता निजी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बालोद आये थे। इस दौरान वह बालोद सर्किट हाउस में आयोजित “सरपंच सशक्त बनाना है” कार्यक्रम में शामिल हुए। जहां कार्यक्रम में लगे पोस्टर को देखकर एक बार फिर बवाल खड़ा हो गया है. पोस्टर पर लिखा था कि कोई भी किसान भाजपा अथवा आरएसएस का सदस्य भूपेश फ़ड़ में धान नहीं बेच सकता. कांग्रेसी सरपंच के सिफारिश वाला ही भूपेश फड़ में धान बेच सकता है. जिसको देख एक बार फिर राजनीति गरमा गई है. यह पहली बार नहीं है जब वे विवादों में आये इससे पहले भी नंदकुमार बघेल का विवादों से नाता रहा है। आयोजन के बाद बीजेपी सांसद मोहन मंडावी भी सर्किट हाउस पहुंचे जहां मुख्यमंत्री के पिता और बीजेपी सांसद के बीच लगभग 10 मिनट तक जुबानी जंग चलती रही. कभी एथेनाल को लेकर तो कभी धान की बोरियों को लेकर आपस में बहस करते दिखे. सांसद मोहन मंडावी ने मजाकिया अंदाज में यह भी कहा कि “बाप बेटा के सियानी मरे बिहानी”। इसी बीच फिर नन्दकुमार बघेल का ब्राम्हण समाज पर विवादित बयान सामने आया है . उन्होंने ब्राम्हण समाज को परदेसिया कहा।
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