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Mahakumbh 2025: अग्निकांड से हरे हुए 61 साल पुराने घाव! भगदड़ से गई थी 500 की जान, पढ़ें दर्द-ए-कुंभ की कहानी

Mahakumbh 2025: अग्निकांड से हरे हुए 61 साल पुराने घाव! भगदड़ से गई थी 500 की जान, पढ़ें दर्द-ए-कुंभ की कहानी
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Mahakumbh 2025: अग्निकांड से हरे हुए 61 साल पुराने घाव! भगदड़ से गई थी 500 की जान, पढ़ें दर्द-ए-कुंभ की कहानी

Mahakumbh 2025: अग्निकांड से हरे हुए 61 साल पुराने घाव! भगदड़ से गई थी 500 की जान, पढ़ें दर्द-ए-कुंभ की कहानी

Mahakumbh 2025: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में 19 जनवरी को एक अप्रिय घटना घटी। सेक्टर 19 में गैस सिलेंडर ब्लास्ट से आग लग गई, जिससे 20-25 टेंट जलकर राख हो गए। हालांकि प्रशासन ने तुरंत आग पर काबू पा लिया और किसी की जान नहीं गई।उधर, महाकुंभ मेला अधिकारी विजय किरन आनंद ने एडीएम प्रशासन और सेक्टर मजिस्ट्रेट की टीम गठित की है। उन्होंने बताया कि टीम की रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई होगी। इस घटना ने कुंभ के इतिहास की उन दर्दनाक यादों को ताजा कर दिया, जब भगदड़ और हादसों ने सैकड़ों लोगों की जान ली थी। आइए जानते हैं, कुंभ मेले के कुछ बड़े हादसों की कहानी…

Mahakumbh 2025: 1954: कुंभ मेले की सबसे बड़ी त्रासदी

3 फरवरी 1954 को प्रयागराज (तब इलाहाबाद) में कुंभ मेले के दौरान मौनी अमावस्या के दिन एक भयानक भगदड़ हुई। यह घटना स्वतंत्र भारत के पहले कुंभ मेले में हुई, जब देश के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री गोविंद वल्लभ पंत थे। विभिन्न स्रोतों में मृतकों की संख्या में अंतर है। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, इस हादसे में लगभग 500 लोगों की मृत्यु हुई, जबकि अन्य स्रोतों में यह संख्या 800 से अधिक बताई गई है। सरकारी आंकड़ों में मृतकों की संख्या कम बताई गई, जिससे वास्तविक संख्या पर विवाद बना रहा।

उस समय संगम में स्नान के लिए 40 लाख से ज्यादा श्रद्धालु जुटे थे। प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के मेले में आगमन के कारण सुरक्षा बलों का ध्यान वीआईपी प्रोटोकॉल पर केंद्रित था, जिससे आम श्रद्धालुओं की भीड़ को संभालने में लापरवाही हुई। गंगा के तटबंधों में बदलाव और स्थान की कमी के कारण भीड़ का दबाव और बढ़ गया, जिससे भगदड़ मच गई। सरकारी आंकड़ों में मृतकों की संख्या कम बताई गई, जिससे विवाद खड़ा हो गया। घटना के बाद प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि वीआईपी मेले में न आएं, ताकि भीड़ प्रबंधन बेहतर हो सके।

Mahakumbh 2025: 2013: रेलवे स्टेशन पर भगदड़

10 फरवरी 2013 को कुंभ मेले के दौरान मौनी अमावस्या स्नान के बाद प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर भारी भीड़ जमा हो गई। प्लेटफार्म 6 के फुट ओवरब्रिज पर भीड़ इतनी बढ़ गई कि रेलिंग टूटने से भगदड़ मच गई। इस हादसे में 36 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। जांच में पता चला कि भीड़ नियंत्रण में लापरवाही हादसे की मुख्य वजह थी। इस घटना ने भी कुंभ मेले की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए।

Mahakumbh 2025:  2025: सिलेंडर ब्लास्ट से आग

19 जनवरी 2025 को प्रयागराज के महाकुंभ मेले में सेक्टर 19 में सिलेंडर ब्लास्ट से आग लग गई। घटना में 20-25 टेंट जल गए, लेकिन प्रशासन ने तुरंत स्थिति संभाल ली। प्रारंभिक जांच में गैस सिलेंडर के रिसाव को हादसे की वजह बताया गया है। अधिकारियों ने जांच टीम गठित कर दी है, और रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।

Mahakumbh 2025: अग्निकांड से हरे हुए 61 साल पुराने घाव! भगदड़ से गई थी 500 की जान, पढ़ें दर्द-ए-कुंभ की कहानी

Mahakumbh 2025: क्या बदले सुरक्षा इंतजाम?

पिछली घटनाओं से सबक लेते हुए कुंभ मेले में सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन में सुधार किए गए हैं। आपातकालीन सेवाओं को पहले से ज्यादा मजबूत किया गया है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए डिजिटल मॉनिटरिंग और ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। अस्थायी ढांचों को अधिक सुरक्षित बनाया गया है। महाकुंभ 2025 में प्रशासन हर श्रद्धालु को सुरक्षित और सुगम अनुभव देने का प्रयास कर रहा है।

Mahakumbh 2025: विस्तार

महाकुंभ मेला क्षेत्र के सेक्टर-19 में रविवार को दोपहर बाद करीब चार बजे करपात्र धाम वाराणसी और गीता प्रेस गोरखपुर के शिविर में आग लग गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया और बांस-फूस के बने लगभग 300 कॉटेज जलकर राख हो गए। यही नहीं पांच बाइकें और पांच लाख रुपये कैश भी आग की भेंट चढ़ गए। दुर्घटना के दौरान कॉटेज में रखे 10 से ज्यादा एलपीजी सिलेंडरों में धमाके हुए।

गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई, हालांकि आग की चपेट में आने से हरियाणा व सिलीगुड़ी के दो लोग झुलस गए हैं, जिन्हें अस्पताल भेजा गया है। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने तत्परता से करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद आग को काबू कर लिया। हादसे में 2.5 करोड़ से ज्यादा के नुकसान की आशंका जताई जा रही है। घटना के बाद मुख्यमंंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन मंत्रियों संग माैका मुआयना किया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सीएम योगी से बात की है और घटना को लेकर जानकारी ली।

शिविर में मौजूद लोगों ने देखा तो शोर मचाया और पानी लेकर दौड़े, लेकिन चंद मिनटों में ही आग की लपटों ने कई काॅटेज को चपेट में ले लिया। आग की ऊंची लपटों और धुएं के काले गुबार ने बड़े हिस्से को धुआं-धुआं कर दिया। आग बढ़ते-बढ़ते करीब 100 वर्ग मीटर से ज्यादा क्षेत्र में फैल गई। हवा की गति सामान्य से तीन गुना तेज होने के चलते अन्य टेंट भी आग की चपेट में एक के बाद एक आते गए। आग की ऊंची लपटों के आगे भीड़ बेबस नजर आने लगी। इसके बाद 15 से अधिक फायरब्रिगेड की टीमों ने मशक्कत के बाद आग को काबू किया।

Mahakumbh 2025:  धुआं करीब 300 फीट ऊपर तक उठ रहा था, सीएम योगी भी महाकुंभ क्षेत्र में 
आग लगने के दो मिनट बाद फायरब्रिगेड की गाड़ियां पहुंचीं। दस मिनट मशक्कत के बाद भी आग नहीं बुझ सकी, इसके बाद अन्य टीमों ने भी आग बुझाने के लिए मोर्चा संभाला। आग बढ़ते-बढ़ते करीब 100 वर्ग मीटर से ज्यादा फैल गई। आग की लपटें 30 फीट ऊंचाई तक उठ रही थीं।अफरा-तफरी के बीच अफसर भी मौके पर भागते नजर आए। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी महाकुंभ क्षेत्र में ही हैं।

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