Surya And Shani Dev Story: सूर्यदेव का वो पुत्र जिसकी छाया लोगों के लिए बन जाती है मुसीबत!
Surya And Shani Dev Story: शनिदेव को हिंदू शास्त्रों में कर्मफल देवता कहा गया है. यानी हम जैसे कर्म करते हैं शनिदेव उसी के अनुसार हमें फल देते हैं. शनिदेव भगवान सूर्य के पुत्र माने जाते हैं, लेकिन क्या आपको पता दोनों में कभी भी मधुर संबंध नहीं रहे.स्कंदपुराण की एक कथा के मुताबिक, भगवान सूर्य ने राजा दक्ष की बेटी संज्ञा से शादी की थी, लेकिन संज्ञा भगवान सूर्य का तेज सहन नहीं कर पाती थीं.Surya
बहरहाल, समय बीतता गया और दोनों के तीन बच्चे हुए. भगवान सूर्य और संज्ञा के बच्चे मनु, यमराज और यमुना के नाम से जाने गए. बच्चों के होने बाद भी संज्ञा भगवान सूर्य का तेज सहन कर पाने में खुद को असमर्थ ही महसूस करती थीं.Surya
भगवान सूर्य और छाया के पुत्र हैं शनिदेव
हालांकि कुछ समय बाद उन्होंने तप किया और इसका रास्ता तलाश लिया. संज्ञा ने तप करके अपनी छाया को अपने जैसे बना दिया और सारी जिम्मेदारियां भी दे दीं. छाया भगवान सूर्य के तेज को सहन कर लेती थीं. भगवान सूर्य और छाया के तीन बच्चे हुए. इनमें से ही एक शनिदेव थे. कहा जाता है कि गर्भावस्था के दौरान छाया से बिना अन्न और जल लिए भगवान शिव का कठिन तप किया था.
शनिदेव का रंग देख क्रोधित हुए शनिदेव
छाया की इस कठिन तपस्या का असर उनके गर्भ में पल रहे शनिदेव पर भी दिखा और वो काले रंग के पैदा हुए. शनिदेव के काले रंग को देखकर सूर्यदेव को गुस्सा आ गया और उन्होंने छाया और शनिदेव को अपमानित किया. पिता के इस व्यवहार से शनिदेव बहुत क्रोधित हुए और जब उन्होंने अपने पिता को देखा तो उनका रंग भी काला पड़ गया. भगवान सूर्य का रंग काला पड़ जाने से पूरा जगत अंधेरे में डूब गया.
इससे दुखी होकर सूर्यदेव भगवान भोलेनाथ के पास पहुंचे. तब भगवान शिव ने उन्हें उनकी भूल याद दिलाई, जिसके बाद भगवान सूर्य ने शनिदेव से क्षमा मांगी. इसके बाद ही सूर्यदेव से अंधेरा छटा और उन्हें अपना असली रूप मिल पाया, लेकिन कहा जाता है कि यही वो घटना थी,जिसके बाद सूर्यदेव और शनिदेव के रिश्ते में कभी मधुरता नहीं आ पाई.SuryaSBI Clerk Vacancy 2024: स्टेट बैंक में क्लर्क भर्ती के लिए आवेदन शुरू, जानें Apply से लेकर सैलरी तक की पूरी जानकारी